अशोक मेहता समिति का गठन दिसम्बर, 1977 ई. में अशोक मेहता की अध्यक्षता में किया गया था। 'बलवंत राय मेहता समिति' की सिफ़ारिशों के आधार पर स्थापित पंचायती राज व्यवस्था में कई कमियाँ उत्पन्न हो गयी थीं, इन कमियों को ही दूर करने तथा सिफ़ारिश करने हेतु 'अशोक मेहता समिति' का गठन किया गया था।
- अशोक मेहता समिति में 13 सदस्य थे। समिति ने 1978 में अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को सौंप दी, जिसमें पंचायती राज व्यवस्था का एक नया मॉडल प्रस्तुत किया गया था। समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट में केवल 132 सिफ़ारिशें की गयी थीं। इसकी प्रमुख सिफ़ारिशें थीं-
- राज्य में विकेन्द्रीकरण का प्रथम स्तर ज़िला हो,
- ज़िला स्तर के नीचे मण्डल पंचायत का गठन किया जाए, जिसमें क़रीब 15000-20000 जनसंख्या एवं 10-15 गाँव शामिल हों,
- ग्राम पंचायत तथा पंचायत समिति को समाप्त कर देना चाहिए,
- मण्डल अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष तथा ज़िला परिषद के अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष होना चाहिए,
- मण्डल पंचायत तथा परिषद का कार्यकाल 4 वर्ष हो,
- विकास योजनाओं को ज़िला परिषद के द्वारा तैयार किया जाए
- अशोक मेहता समिति की सिफ़ारिशों को अपर्याप्त माना गया और इसे अस्वीकार कर दिया गया।
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